Chaitra Navratri मार्च 2025 व हिन्दू नव वर्ष 2025 का प्रारंभ चैत्र मास की शुक्लपक्ष प्रतिपदा (प्रथम तिथि) से होता है। इस बार यह तिथि 30 मार्च (2025) को पड़ रही है।
Chaitra Navratri मार्च 2025 व हिन्दू नव वर्ष 2025 , विक्रमी संवत 2082
रविवार, 30 मार्च 2025
चैत्र मास की शुक्लपक्ष प्रतिपदा के दिन माँ दुर्गा के आदेश पर ब्रह्मा जी ने सूर्योदय होने पर सृष्टि की रचना का प्रारंभ किया । इसे सृष्टि का प्रथम दिवस भी माना जाता है।

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चैत्र माह की प्रतिपदा से ही माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा प्रारंभ होती है अर्थात इसी दिन से ही Chaitra Navratri की शुरूआत होती है।
इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप मे अवतार लिया था।
बहुत लोगों का कहना है कि Chaitra Navratri चैत्र नवरात्रि’ के ही दिन भगवान राम माँ सीता को लेकर अयोध्या लौटे थे न कि दीपावली वाले दिन ।
शक संवत्सर का प्रारंभ भी इसी दिन से हुआ था, क्योंकि शालीवाहन शासकों ने शकों पर इसी दिन विजय प्राप्त की थी।
चैत्र माह की प्रतिपदा के दिन ही छत्रपति शिवाजी ने विजय ध्वज लगाकर हिन्दू साम्राज्य की स्थापना की थी।
काल गणना के लिए ‘विक्रम संवत’ का प्रारंभ भी उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने इसी दिन किया था।
बहुत से लोग इस Chaitra Navratri पंचांग का श्रवण करते हैं।
ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक संवत्सर का एक विशिष्ट नाम होता है। विक्रम संवत्सर 2082 का नाम है ‘सिद्धार्थी संवत’। नौ ग्रहों में से कोई राजा होता है, किसी ग्रह को मंत्री का कार्यभार संभालना होता है। संवत्सर 2082 के राजा हैं सूर्य व मंत्री भी सूर्य ही हैं।
चैत्र माह की प्रतिपदा के दिन से ही दुर्गा सप्तशदी व रामायण का नौ दिनों का पाठ किया जाता है।