National Calendar of India – भारत का राष्ट्रीय पंचांग

भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर(National Calendar of India) शक कैलेंडर पर आधारित है, जिसे भारत के राष्ट्रीय पंचांग या भारांग के रूप में भी जाना जाता है। इसे ग्रेगोरियन कैलंडर के साथ देश के आधिकारिक नागरिक कैलेंडर(Official Civil Calendar) के रूप में अपनाया गया है। यह भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों(National Symbols) में से एक है।

Types of Calendar in India

कैलेंडर शब्द की उत्पत्ति रोमन शब्द Calends या Kalends से हुई है। किसी देश के राष्ट्रीय कैलेंडर का देश के ऐतिहासिक काल के साथ एक मजबूत संबंध होता है। भारत में, चार प्रकार के कैलेंडर का इस्तेमाल किया जाता है:

  1. शक संवत (Saka Samvat-Calendar of India)
  2. विक्रम संवत (Vikram Samvat)
  3. हिजरी कैलेंडर (Hijri calendar)
  4. ग्रिगोरियन कैलेंडर (Gregorian calendar)
Calender of India
Calender of India

National Calendar of India – शक कैलेंडर | भारत का राष्ट्रीय पंचांग | शक संवत

शक संवत, एक ऐतिहासिक हिंदू कैलेंडर जिसे अंततः 1957 में ‘भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर या भारत का राष्ट्रीय पंचांग’ (National Calendar of India) के रूप में स्थापित किया गया था, शक युग के दौरान शुरू हुआ। ऐसा माना जाता है कि शक युग की स्थापना शतवाहन वंश के राजा शालिवान ने की थी। शक कैलेंडर में ग्रेगोरियन कैलेंडर के ही समान 365 दिन और 12 महीने होते हैं। शक संवत या भारत के राष्ट्रीय पंचांग का पहला महीना चैत्र 22 मार्च से शुरू होता है, जो लीप वर्ष के दौरान 21 मार्च से प्रारंभ होता है।

शक कैलेंडर या भारत के राष्ट्रीय पंचांग(Calendar of India) के 12 महीनों का वर्णन निम्न तालिका में दिया गया है

भारत का राष्ट्रीय पंचांग | शक संवत (Saka Samvat)ग्रिगोरियन कैलेंडर (Gregorian Calendar)
चैत्र (Chhaitra)March 21 – April 20
वैशाख (Vaishakha)April 21-May 21
ज्येष्ठ (Jyeshtha)May 22-June 21
आषाढ़ (Ashadha)June 22- July 22
श्रावण (Shravana)July 23-August 22
भाद्र (Bhaadra)August 22-September 22
आश्विन (Ashwin)September 23-October 22
कार्तिक (Kartika)October 23-November 21
अघहन (Agrahayana)November 22-December 21
पौष (Pausha)December 22-January 20
माघ (Magha)January 21- February 19
फाल्गुन (Phalguna)February 20-March 20/21
Calendar of Indiaशक कैलेंडर या शक संवत (Saka Samvat) या भारत का राष्ट्रीय पंचांग

Some Features of National Calendar of India / शक कैलेंडर/ भारत का राष्ट्रीय पंचांग

  1. शक कैलेंडर का उपयोग देश के आधिकारिक नागरिक कैलेंडर के रूप में किया जाता है।
  2. शक संवत, शक कैलेंडर का मूल नाम था, जोकि एक हिंदू कैलेंडर है।
  3. इसे शालिवाहन शक युग के रूप में भी जाना जाता है।
  4. शक कैलेंडर(Calendar of India) का उपयोग बाली और जावा में इंडोनेशियाई हिंदुओं द्वारा भी किया जाता है।
  5. हिंदू धर्म में, इसका उपयोग महत्वपूर्ण के दिनों की गणना करने के लिए भी किया जाता है।
  6. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, इसका उपयोग पहली बार 22 मार्च, 1957 को किया गया था, जबकि शक संवत के अनुसार, इसका उपयोग पहली बार चैत्र 1, 1879 को किया गया था।

विक्रम संवत | Vikram Samvat (Calendar of India)

विक्रम कैलेंडर की कुछ विशेषताओं का वर्णन नीचे किया गया है:

  • विक्रम संवत को विक्रमी कैलेंडर के रूप में भी माना जाता है, जो भारत में हिंदुओं के लिए एक ऐतिहासिक कैलेंडर है।
  • विक्रम संवत नेपाल का आधिकारिक कैलेंडर भी है और इसका नाम राजा विक्रमादित्य के नाम पर रखा गया है।
  • यह कैलेंडर 9 वीं शताब्दी के बाद एपिग्राफिकल कलाकृति की शुरुआत के साथ लोगों के ध्यान में आया। 9 वीं शताब्दी से पहले, एक ही कैलेंडर प्रणाली को कृत और मलावा जैसे अन्य नामों से जाना जाता था।
  • यह विक्रम युग की शुरुआत का प्रतीक है जो भारत और नेपाल में प्रचलित था।
  • इस काल को राजा विक्रमादित्य के नाम से जाना जाता है जोकि शक शासकों पर उनकी जीत को चिह्नित करता है।
  • 9 वीं शताब्दी से पहले यह विक्रमादित्य के साथ 57 ईसा पूर्व में शुरू होता है।
  • यह कैलेंडर चंद्रमा की गति पर आधारित है और इसमें एक वर्ष में 354 दिन होते हैं।
  • यह प्राचीन काल के हिंदू कैलेंडर पर आधारित एक चंद्र कैलेंडर है।
  • यह नेपाल में अप्रैल के मध्य में शुरू होता है और सौर नव वर्ष(Solar New Year) की शुरुआत का प्रतीक है।
  • विक्रम संवत में 12 महीने होते हैं और जिन्हे दो चरणों में विभाजित किया जाता है:-
    1. शुक्ल पक्ष-Shukla paksha (15 days) – अमावस्या से शुरू होता है और पूर्णिमा के साथ समाप्त होता है।
    2. कृष्ण पक्ष-Krishna paksha (15 days) – पूर्णिमा से शुरू होता है और अमावस्या के साथ समाप्त होता है।
  • सौर वर्ष के साथ 11 दिनों के अंतर को भरने के लिए विक्रम संवत में हर 3 साल और हर 5 साल के चक्र के बाद 13 महीने होते हैं, अर्थात इसमें एक अतिरिक्त महीना जुड़ जाता है जिसे अधिक मास के नाम से जाना जाता है।

हिजरी/हिजरा कैलेंडर (Calendar of India)

हिजरी कैलेंडर एक इस्लामी चंद्र कैलेंडर है जिसमें 12 चंद्र महीने और 354/355 दिन होते हैं। हिजरी कैलेंडर का उपयोग इस्लामी छुट्टियों और रिवाजों को निर्धारित करने के लिए किया जाता है, जैसे कि उपवास की अवधि, मक्का के लिए तीर्थयात्रा का समय आदि।

हिजरी कैलेंडर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों का उल्लेख निम्न वर्णित है:

  • इस्लामी वर्ष 622 ईस्वी में शुरू हुआ जिसके दौरान पैगंबर मुहम्मद का मक्का से मदीना में प्रवास हुआ, जिसे हिजरा के नाम से जाना जाता है।
  • इस्लामी वर्ष में चंद्र चक्र(Lunar cycle) पर आधारित 12 महीने व 354 दिन होते हैं।
  • इसका उपयोग ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ-साथ कई मुस्लिम देशों में घटनाओं की तारीख के लिए किया जाता है।
  • यह कैलेंडर अरबी में बनाया गया था।
  • इसे पहले अमुलफिल के रूप में जाना जाता था, हिजरी या हजीरा शब्द का प्रयोग पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु के बाद उनके हिजरा, या मक्का से मदीना की यात्रा को स्मरण रखने के लिए किया गया था
  • इस कैलेंडर में दिन की शुरुआत सूर्यास्त से होती है।
  • भारत में मुस्लिम शासकों के शासनकाल के दौरान इस कैलेंडर को अपनाया गया था।
  • दुनिया में हर जगह मुसलमान इस कैलेंडर का उपयोग उन दिनों को तय करने के लिए करते हैं जिस पर रमजान का पालन करना है, हज में भाग लेना है या कोई अन्य इस्लामी त्योहारों को मनाना है।

हिजरी कैलेंडर के 12 महीने इस प्रकार हैं:

मुहर्रम(Muharram)इस महिने में किसी भी व्यवसाय या यात्रा की अनुमति नहीं होती है।
सफर(Safar)यात्रा, व्यापार और युद्ध के लिए अच्छा माना जाता है।
रबी-अल-अव्वल(Rabi-al-Awwal)वसंत की शुरुआत होती है।
रबी-अल-थानी(Rabi al-Awwal)यह वसंत के अंत को दर्शाता है।
जुमादा-अल-अव्वाल(Jumada al-Awwal)इस महिने में ठंड के मौसम की शुरुआत होती है।
जुमादा अल-ठानी (Jumada al-Thani)ठंड के मौसम की समाप्ति होती है।
रजब(Rajab)बाड़ लगाने के लिए खेतों को तैयार किया जाता है।
शाबान(Sha’ban)यह कटाई का महीना है।
रमजान(Ramadan)साल का नौवां महीना, जब लोग अपनी उपवास करते हैं।
शव्वाल(Shawwal)शिकार पर जाने के लिए यह महिना अच्छा माना जाता है।
धुल क़दह(Dhul Qadah)यात्रा के लिए ऊंटों को तैयार करने का महीना।
धुल हिज्जा(Dhul Hijjah)यह आखिरी महीना है, जो तीर्थयात्रा के लिए समर्पित होता है।
Interesting Facts About IndiaHindu Nav Versh

Gregorian Calendar | ग्रिगोरियन कैलेंडर (Calendar of India)

  • यह कैलेंडर ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के जन्मदिन पर आधारित है व सिविल कैलेंडर ग्रेगोरियन कैलेंडर पर आधारित है।
  • यह एक सौर वर्ष है जो 1 जनवरी से शुरू होता है और 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड तक रहता है। चूंकि इन अतिरिक्त घंटों को एक वर्ष के लिए कैलेंडर में शामिल नहीं किया जा सकता था, इसलिए हर चार साल में फरवरी में एक दिन जोड़ने की प्रणाली लोकप्रिय हो गई थी।
  • ग्रेगोरियन कैलेंडर को जूलियन कैलेंडर में सुधार के रूप में विकसित किया गया था।
  • इस कैलेंडर का नाम पोप ग्रेगरी XIII के नाम पर रखा गया है और यह दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला कैलेंडर है।
  • ग्रेगोरियन कैलेंडर का उपयोग नागरिक कैलेंडर के रूप में किया जाता है।
  • इसका प्रयोग 1582 से होना शुरू हुआ।
  • इसका नाम पोप ग्रेगरी XIII के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने कैलेंडर पेश किया।
  • इसने पहले के जूलियन कैलेंडर को प्रतिस्थापित किया क्योंकि जूलियन कैलेंडर में लीप वर्ष के संबंध में गलत गणना थी।
  • जूलियन वर्ष में 365.25 दिन होते थे।

ग्रेगोरियन कैलेंडर में महीनों के नाम जूलियन कैलेंडर के समान ही हैं। जो इस प्रकार हैं –

जनवरीJanuary
फरवरीFebruary
मार्चMarch
अप्रैलApril
मईMay
जूनJune
जुलाईJuly
अगस्तAugust
सितंबरSeptember
अक्टूबरoctober
नवम्बरNovember
दिसम्बरDecember

Frequently Asked Questions on Calendar of India

भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर कब अपनाया गया था?

शक युग पर आधारित भारत के राष्ट्रीय कैलेंडर(Calendar of India) को 22 मार्च, 1957 को ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ अपनाया गया था।

भारत में विभिन्न प्रकार के कैलेंडर कौन से हैं?

भारत में चार प्रकार के कैलेंडर हैं:
• विक्रम संवत
• शक संवत(Calendar of India)
• हिजरी कैलेंडर
• ग्रिगोरियन कैलेंडर

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