Moral Stories in Hindi: एक बार की बात है, एक गाँव में दीपक नामक एक किसान अपने दो बच्चों के साथ रहता था। उसके बेटे का नाम अर्जुन व बेटी का नाम मीरा था। वह अपने बच्चों से बहुत प्रेम करता था। दीपक बहुत ही परिश्रमी था तथा वह अपने बच्चों को भी दया, ईमानदारी व कठिन परिश्रम का महत्व बताता रहता था।
एक दिन की बात है दीपक रोज़ की ही तरह अपने खेतों में काम कर रहा था। अर्जुन व मीरा वही उसके पास खेतों मे खेल रहे थे। तभी अचानक अर्जुन को जमीन पर पड़ा हुआ एक सोने का सिक्का दिखाई दिया। बहुत ही खुश होकर उसने वह सिक्का उठा लिया और अपने पिता के पास दौड़ कर गया व उत्साहित होकर बोला – “पिताजी, देखो मुझे क्या मिला ! एक सोने का सिक्का !”
किसान ने वह सिक्का देखा और बोला – “बेटा, लेकिन यह सिक्का तुमको किसी और के खेत में मिला है। हमको यह पता लगाना होगा कि यह किसका है और उसे वापस करना होगा।“ यह सुन कर अर्जुन ने निराश होकर कहा – ‘पिताजी यह तो केवल एक ही सिक्का है। क्या हम इसे अपने पास नहीं रख सकते।?’मीरा भी, जो उनकी बातें सुन रही थी, बोली – “हाँ पिताजी, हम इसे अपने पास ही रखेगें व इससे अपने लिये कुछ सामान खरीदेगें।“
यह सुनकर दीपक मुस्कुरा कर बोला – “ बच्चों यह तो बेईमानी होगी। अगर हर कोई दूसरों की वस्तुओं को अपने पास रखने लगेगा तो दुनिया में बेईमानी बढ़ जाएगी और कोई एक दूसरे पर विश्वास नहीं करेगा। इसलिए हमको दूसरों की चीजों पर अपना अधिकार नहीं जताना चाहिए। सदैव सही कार्य करना चाहिए, भले ही हमें कोई देख न रहा हो।“
यह सुनकर अर्जुन व मीरा सिक्का लौटाने के लिये तैयार हो गए। फिर वे एक साथ गाँव में गए और सिक्के के मालिक की तलाश करने लगे। उनकी मेहनत रंग लाई और खोजते-खोजते उन्हे एक बूढ़ी औरत मिल गई, जिसने अपना सोने का एक पैसा खो दिया था। अर्जुन व मीरा ने उस बूढ़ी औरत को वह सोने का सिक्का लौटा दिया। बूढ़ी औरत बहुत खुश हुई और बच्चों को उनकी ईमानदारी के लिए धन्यवाद दिया।
बूढ़ी औरत को खुश देखकर अर्जुन और मीरा को भी बहुत अच्छा लगा व वे भी खुश होकर मुस्कुराने लगे। आज वे समझ गए थे कि सही काम करना सोने के किसी भी सिक्के से कहीं ज्यादा मूल्यवान है।
Moral of the Story Moral Stories in Hindi
शिक्षा : ईमानदारी सच्ची खुशी देती है और दूसरों से सम्मान भी दिलाती है।