National Song of India – “वन्दे मातरम्“, जिसे बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय/चैटर्जी ने लिखा था। यह बंगाली के साथ-साथ संस्कृत में भी लिखा गया था। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को 1857 के विद्रोह व सन्यासी विद्रोह के समय होने वाली घटनाओं में बहुत दिलचस्पी थी।
उस समय (1876) ब्रिटिश इंडिया के सरकारी अधिकारी “God Save the Queen” गीत को भारत का राष्ट्रगान बनाना चाहते थे, लेकिन बहुत से भारतीय राष्ट्रवादी ऐसा नहीं होने देना चाहते थे।
अतः ऐसे समय में बंकिम चंद्र जी ने बंगाल के कांतल पाडा गाँव में ‘वन्दे मातरम्’ की रचना की।
उन्होंने संस्कृत और बंगाली के शब्दों का उपयोग करते हुए यह कविता लिखी थी जोकि 1882 में उनकी किताब आनंदमठ (बंगाली में जिसे अनोंडोमोथ कहा जाता है) में प्रकाशित हुई थी। यह पुस्तक सन्यासी विद्रोह की घटनाओं पर आधारित है।
बाद में यदुनाथ भट्टाचार्य(Jadunath Bhattacharya) को इसके लिए एक धुन सेट करने के लिए कहा गया। आधुनिक वंदे मातरम् रचना, जैसा कि आज हम सुनते हैं उसका श्रेय गंधर्व महाविद्यालय और अखिल भारतीय गंधर्व महाविद्यालय मंडल के संस्थापक वी डी पलुस्कर को जाता है।
24 जनवरी 1950 में भारत की संविधान सभा द्वारा “वन्दे मातरम्’’ को भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया। उस समय भारत के पहले प्रधानमंत्री डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने इसको भारत के राष्ट्रगान “जन गण मन “ के समान ही सम्मान देने की बात कही थी, यद्यपि भारत के संविधान में किसी राष्ट्रीय गीत का कोई उल्लेख नहीं है।
National Song of India
"वंदे मातरम्! सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्, शस्यश्यामलाम् , मातरम्! वंदे मातरम्! शुभ्रज्योत्सना पुलकितायामिनीम् , फुल्लाकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्, सुहासिनीम् सुमधुर भाशिनीम्, सुखदाम् वरदाम्, मातरम्! वंदे मातरम्, वंदे मातरम्!
Facts about the National Song of India
- 1906 में आनंद मठ का अंग्रेजी में पहला अनुवाद नरेस चंद्र सेन गुप्ता ने किया था।
- श्री अरबिंदो ने इस पूरी कविता का गद्य में अनुवाद 1909 में किया था, जोकि एक साप्ताहिक समाचार पत्र में छापी गई थी। उन्होंने इसका पद्य में भी अनुवाद किया था जोकि “माँ, मैं तुझे प्रणाम करता हूँ” के नाम से जानी जाती है।
- 1905 में बनारस के कांग्रेस अधिवेशन में राष्ट्रगीत(National Song of India) गाने का अवसर कवयित्री सरला देवी को दिया गया।
- लाला लाजपत राय ने अपने जर्नल का नाम ‘वन्दे मातरम्’ रखा था।
- 1905 में हीरा लाल सेन द्वारा निर्मित एक राजनैतिक फिल्म में ‘वन्दे मातरम्’ पहली बार गया गया।
- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में, “वंदे मातरम्” को राष्ट्रीय आह्वान के रूप में प्रयोग किया गया था। “वंदे मातरम्” का नारा लगाकर लोगों में देशभक्ति को जगाने का कार्य किया जाता था।
- “वंदे मातरम्” गीत को बहुत सी Tunes में गया गया। अब तक इसको 100 से भी ज्यादा Tunes में गया जा चुका है।
भारतीय राष्ट्रीय गीत के रचयिता कौन है?
भारतीय राष्ट्रीय गीत(National Song of India) के रचयिता श्री बंकिम चंद्र चटर्जी हैं, जिन्होंने इसे संस्कृत भाषा में लिखा था।
राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्” भारत में पहली बार कब गाया गया था?
पहला राजनीतिक कार्यक्रम, जिसमें राष्ट्रीय गीत गाया गया था, 1896 का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का सेशन था। भारत का राष्ट्रीय गीत(National Song of India) पहली बार पं0 रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा इसी सेशन में गाया गया था।