ऑपरेटिंग सिस्टम(Operating System) एक प्रकार का सॉफ्टवेयर है, जो यूजर और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच एक इंटरफेस की तरह कार्य करता है। OS किसी भी कंप्यूटर डिवाइस का मुख्य पार्ट होता है। ऑपरेटिंग सिस्टम के बिना कोई भी कंप्यूटर सिस्टम किसी भी प्रकार का कार्य या प्रोसेसिंग नहीं कर सकता है।
इस आर्टिकल में, हम OS(Operating system) के विभिन्न प्रकारों और कार्यों के बारे में विस्तार से जानेंगें।
डेटा की प्रोसेसिंग, किसी एप्लिकेशन को चलाना, फ़ाइल्स को मैनेज करना और मेमोरी मैनेज करना आदि सभी कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किया जाता है। विंडोज़, यूनिक्स, लिनक्स, मैक, एंड्रॉइड आदि सभी ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण हैं।
किसी भी डिवाइस के सुचारू रूप से काम करने में Operating सिस्टम का हाथ होता है, फिर वह डिवाइस लैपटॉप, टैबलेट, मोबाइल फोन आदि कुछ भी क्यों न हो।
History of the Operating System
ऑपरेटिंग सिस्टम के विकास और इतिहास से संबंधित कुछ मुख्य पॉइंट्स इस प्रकार हैं-
- शुरुआत के कंप्यूटरों में ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग नहीं होता था, व प्रत्येक प्रोग्राम को रन करने के लिए अलग-अलग कोड होते थे। जिससे डेटा की प्रोसेसिंग में अत्यधिक समय लगता था।
- पहला ऑपरेटिंग सिस्टम 1956 में जनरल मोटर्स ने विकसित किया था, जिससे एक IBM 701 कम्प्यूटर को चलाया गया था।
- इसके पश्चात 1960 में IBM ने अपनी डिवाइसेस में OS को पहले से ही इन्स्टॉल करके देना शुरू कर दिया।
- UNIX ऑपरेटिंग सिस्टम जोकि ‘C’ लैंग्वेज में लिखा गया था, उसका पहला वर्ज़न 1960 में लॉन्च हुआ।
- इसके पश्चात माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने अपना ऑपरेटिंग सिस्टम लॉन्च किया जोकि IBM कंपनी के अनुरोध के कारण था।
- वर्ष 1950 के अंत में टेप स्टोरेज को मैनेज करने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम का पहली बार विकास किया गया था।
- 1960 के दशक के मध्य में, ऑपरेटिंग सिस्टम ने डिस्क का उपयोग करना शुरू कर दिया।
- माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के द्वारा निर्मित पहला OS DOS था।
- 1985 में MS-DOS के साथ जोड़कर GUI बनाया गया, जो वर्तमान समय का लोकप्रिय OS MS Windows कहलाता है।
Types of Operating System
आज के समय में विभिन्न प्रकार के Operating System उपलब्ध हैं। जिनमें से कुछ के बारे में संक्षिप्त जानकारी इस प्रकार से है-
Batch Operating System
- इसमें कम्प्यूटर और OS के मध्य सीधा कम्यूनिकेशन नहीं होता है।
- इसके अंतर्गत एक ऑपरेटर होता है, जो कार्यों को batches में बांटता है और एक समान जॉब्स को अलग – अलग करता है।
- बहुत से यूजर्स एक साथ इसका उपयोग कर सकते हैं।
- इसमें ज्यादा मात्रा में कार्य को आसानी से मैनेज कर सकते हैं।
- कम्प्यूटर की स्पीड बढ़ाने के लिए समान प्रकार के कार्यों का बैच बनाकर एक ग्रुप के रूप में रन किया जाता है।
Real-Time Operating System
- इस OS में डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम होता है।
- इसमे processing में समय कम लगता है, अतः आउटपुट जल्दी मिल जाता है।
- यह ऑपरेटिंग सिस्टम ऐसी जगहों पर उपयोग किया जाता है, जहां पर यूजर को आउटपुट की जल्दी जरूरत होती है।
Time-Sharing Operating System
- Time-sharing operating system एक ही समय में अलग-अलग टर्मिनल के लोगों को एक ही प्रोग्राम का उपयोग करने में सक्षम बनाता है। CPU का टाइम जो कई यूजर्स के साथ शेयर होता है उसे टाइम शेयरिंग कहते हैं।
- इस OS का उद्देश्य कम्प्यूटर के रिस्पान्स(response) टाइम को कम करना है।
Distributed Operating System
- यह OS यूजर को वह सुविधा देता है जिसमें यूजर उन फाइल का उपयोग कर सकता है, जो उसके सिस्टम में नहीं, लेकिन नेटवर्क से जुड़े किसी अन्य डिवाइस में उपलब्ध हैं।
- कुछ समय से इस OS का प्रचलन बढ़ गया है।
- इसमें कई सेंट्रल प्रोसेसर्स का उपयोग किया जाता है।
- यदि नेटवर्क का कोई सिस्टम फेल हो जाता है, तो इसका प्रभाव नेटवर्क के अन्य सिस्टम पर नहीं पड़ता है।
Embedded Operating System
- यह विशेष प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम होते हैं, जो एक बड़े सिस्टम में बने (built) होते हैं।
- यह प्रायः एक प्रकार के कार्य के लिए ही बने होते हैं।
Network Operating System
Network Operating System में एक मुख्य सर्वर होता है, जो अन्य क्लाइंट सर्वर्स से जुड़ा होता है। यह डेटा को प्रोसेस करना, फाइलों को मैनेज करना, सिक्युरिटी व अन्य नेटवर्किंग कार्यों को मैनेज करने की क्षमता प्रदान करता है। यह एक सुरक्षित नेटवर्क है।
Mobile Operating System
Mobile operating systems विशेष रूप से smartphones, tablets आदि के लिए डिजाइन किए गए हैं।
कुछ प्रसिद्ध mobile OS के नाम हैं Android और iOS