भारत का राष्ट्रीय ध्वज (Indian National Flag) गर्व, एकता और भारत की भावना का प्रतीक है। भारत का तिरंगा भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है।
हम सभी जानते हैं कि दुनिया के हर स्वतंत्र राष्ट्र का अपना झंडा होता है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज (National Flag of India) को पहली बार 1906 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता सत्र के दौरान फहराया गया था।
भारत की स्वतंत्रता से कुछ दिन पहले 22 जुलाई 1947 को आयोजित संविधान सभा की बैठक में भारत के राष्ट्रीय ध्वज को इसके वर्तमान रूप में अपनाया गया था।
National Flag of India – Evolution
1- भारत में पहला भारतीय राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त, 1906 को कलकत्ता के पारसी बागान स्क्वायर (ग्रीन पार्क) में फहराया गया था, ऐसा माना जाता है। इसमें हरे, पीले और लाल रंग की तीन पट्टियां थीं, जिनके बीच की पट्टी में वंदे मातरम लिखा था। ध्वज की लाल पट्टी पर सूर्य और अर्धचंद्र के प्रतीक थे, और हरी पट्टी में आठ आधे खुले कमल थे।
2- 1907 में पेरिस में मैडम भीकाजी कामा और निर्वासित क्रांतिकारियों के उनके समूह द्वारा दूसरा भारतीय ध्वज फहराया गया था। एक विदेशी भूमि में फहराया जाने वाला पहला भारतीय ध्वज था।
3- 1917 में, होम रूल आंदोलन के दौरान, तीसरा झंडा लोकमान्य तिलक और डॉ एनी बेसेंट द्वारा फहराया गया था। इसमें पांच लाल और चार हरे रंग की क्षैतिज धारियां थीं, और सप्तऋषि मण्डल के समान सात सितारे थे। एक शीर्ष कोने पर सफेद अर्धचंद्र और एक तारा था और दूसरे में यूनियन जैक था।
4- 1921 में, पिंगली वेंकैया ने दो रंगों, लाल और हरे रंग से बना एक ध्वज तैयार किया, जो दो मुख्य समुदायों – हिंदू और मुस्लिम को दर्शाता था। गांधी जी ने भारत के शेष समुदायों को दर्शाने के लिए एक सफेद पट्टी और देश के विकास को दर्शाने के लिए चरखा जोड़ने की बात कही।
5- 1931 में एक प्रस्ताव के अनुसार तिरंगे को हमारे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया। इस ध्वज में केसरिया, सफेद और हरे रंग की तीन पट्टियाँ थीं।
6. 24 तीलियों वाले अशोक चक्र को चरखे के स्थान पर ध्वज में प्रतीक के रूप में बदल दिया। जोकि यह दर्शाता है कि “गति में जीवन है और ठहराव में मृत्यु है (Life in Movement and Death in Stagnation )”।
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National Flag of India- Interesting Facts
आइए अपने राष्ट्रीय ध्वज (National Flag of India) के बारे में कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं
1. भारत का राष्ट्रीय ध्वज आंध्र प्रदेश के भारतीय स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया द्वारा डिजाइन किया गया था।
2. भारत के कानून के अनुसार, भारत के राष्ट्रीय ध्वज को ‘खादी’ द्वारा बनाया जाना चाहिए। भारत में राष्ट्रीय ध्वज की आपूर्ति और निर्माण के लिए कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ को ही केवल मान्यता दी गई है।
3. हमारे राष्ट्रीय ध्वज (National Flag of India) को ‘तिरंगा’ नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसके बीच में तीन रंग होते हैं व मध्य में अशोक चक्र । इसके तीनों रंगों का तात्पर्य हैं:
- केसरिया रंग – बलिदान व साहस के प्रतीक रूप में इस्तेमाल किया गया है।
- सफेद – पवित्रता, सत्य व शांति का प्रतीक है।
- हरा रंग– शुभता, समृद्धि व भूमि की उर्वरता का प्रतीक है
4. अशोक चक्र को धर्म के चित्रण के रूप में चुना गया था। ध्वज संहिता(Flag code) में अशोक चक्र के साइज़ के बारे में बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा गया है। अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी चाहिए जो समान रूप से स्थित हों। अशोक चक्र ध्वज की सफेद पट्टी पर नेवी-ब्लू रंग में होता है।
5. राष्ट्रीय ध्वज को बनाने का अधिकार(Manufacturing Right) केवल खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग के पास है।
6. राष्ट्रीय ध्वज(National Flag of India) की तीनों पट्टियां चौड़ाई और लंबाई में बराबर होनी चाहिए तथा राष्ट्रीय ध्वज का आकार आयताकार होना चाहिए। ध्वज की चौड़ाई और लंबाई का अनुपात(Ratio) 2: 3 होना चाहिए।
7. ब्रिटिश साम्राज्य से भारत को स्वतंत्रता मिलने से ठीक पहले, भारतीय ध्वज को 22 जुलाई, 1947 को स्वीकार किया गया था।
8. 29 मई, 1953 को, एडमंड हिलेरी और शेरपा तेनजिंग नोर्गे ने जब माउंट एवरेस्ट पर विजय प्राप्त की थी तब ग्रेट ब्रिटेन, यूनाइटेड किंगडम के राष्ट्रीय ध्वज व नेपाली राष्ट्रीय ध्वज के साथ भारतीय ध्वज को भी माउंट एवरेस्ट पर लहराया था।
9. सबसे बड़ा भारतीय राष्ट्रीय ध्वज(National Flag of India), जोकि लंबाई में 110 मीटर, चौड़ाई में 24 मीटर और वजन में 55 टन है, भारत-पाक अटारी सीमा पर फहराया गया था।
10. 1984 में भारत के राष्ट्रीय ध्वज को कॉस्मोनॉट विंग कमांडर राकेश शर्मा के द्वारा पहने गए स्पेससूट पर प्रतीक के रूप में चिन्हित किया गया था, जब वे भारत व सोवियत(Indo-Soviet) की संयुक्त अंतरिक्ष उड़ान के दौरान अंतरिक्ष में गए थे।